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देवी अहिल्याबाई होलकर विभिन्न प्रांतों में मानवता के प्रति कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके साथ होलकर राजपरिवार के कई सदस्यों ने भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जानिए राजपरिवार की कहानी
दो अलग-अलग देशों के दो अलग-अलग शहर जिनकी कहानी है एक समान। दिल्ली और लाहौर का रिश्ता सदियों पुराना है। इस एपिसोड में जानिये दिल्ली और लाहौर की कहानी।
देवी अहिल्याबाई होलकर को भारत के सबसे कुशल शासिकाओं में माना जाता हैं I सन 1767 से लेकर सन 1795 तक, अपने अट्ठाईस वर्ष के शासन काल के दौरान इन्होने वाराणसी से लेकर रामेश्वरम तक और सोमनाथ से लेकर उत्तरकाशी तक सैंकड़ों मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण करवायाI समाज सुधार में अपनी एक महत्वपूर्ण छाप बनाने वाली अहिल्याबाई होलकर ने अपने शासनकाल में कई कठिनाईयों का सामना भी किया I जानिये इस महान रानी की ये प्रेरणादायक कहानी...
बर्धमान पश्चिमी बंगाल राज्य के मध्य में बसा वह शहर है जहां मुग़लों से लेकर ब्रिटिश युग तक एक ताक़तवर ज़मींदारी हुआ करती थी जो लाहौर के पंजाबी खतरी थे।
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