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13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ में एक भयानक घटना हुई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को इस कांड ने एक नया मोड़ दिया था। मगर इसके इतिहास से जुड़ी आज भी ऐसी कई बातें हैं जो हम नहीं जानते..
राजस्थान में भरतपुर के लोहागढ़ क़िले की अभेद्य दीवरें, राजा सूरजमल की जाट रियासत के उदय की कहानियां कह रही हैं, जिसने 18वीं सदी में, उत्तरी भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
वड़ोदरा के महाराजा सर सयाजीराव गायकवाड़ का आधुनिक भारत बनाने में महत्ववपूर्ण योगदान रहा।आइये देखे इस महान राजा की कहानी
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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