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सभी राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में मुग़ल राजधानी में एक सांस्कृतिक बदलाव आया। आइये, हम आपको ले चलते हैं ग़ालिब की दिल्ली में..
रेख़्ता की सफलता से उर्दू साहित्य और शायरी में एक नई क्रांति आई है। इस डिजिटल प्लेटफार्म ने उर्दू को दुनिया भर में एक नए अंदाज़ में परोसा है साथ ही युवा शायरों के कलाम पब्लिश किए।जुड़िए इस सफर पर
67 सालों तक पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा सामराज्य का ही नहीं बलकी पूरे भारत के राजनीती का केंद्र था। पर आज उसके बस कुछ अवशेष ही बचे हैं। जानिए क्या है शनिवार वाड़ा की कहानी...
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ में एक भयानक घटना हुई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को इस कांड ने एक नया मोड़ दिया था। मगर इसके इतिहास से जुड़ी आज भी ऐसी कई बातें हैं जो हम नहीं जानते..
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