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उस्मानाबाद ज़िले का नलदुर्ग क़िला देश के बेहतरीन क़िलों में से एक है जिसे सैन्य और इंजीनियरिंग मानकों के आधार पर ये दर्जा हासिल है।
महरोली के भीड़ भरे इलाक़े के बीचों-बीच है ज़फ़र महल जिससे आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र की दर्द भरी कहानी जुड़ी है। इस पूरी कहानी को जानने के लिये देखिए किस्से कहानियाँ का ये एपिसोड।
1857 में अमृतसर के पास अजनाला में 220 से अधिक सैनिकों के भीषण नरसंहार की सच्चाई का पता लगाने में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ को करीब 2 दशकों का समय लगा। यहां जो कुछ हुआ, जानिये उसकी चौंकाने वाली ये कहानी
67 सालों तक पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा सामराज्य का ही नहीं बलकी पूरे भारत के राजनीती का केंद्र था। पर आज उसके बस कुछ अवशेष ही बचे हैं। जानिए क्या है शनिवार वाड़ा की कहानी...
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