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क्या आप जानते हैं कि मुंबई शहर, ज्वालामुखी के लावा पर बना है, जो लगभग 65 मिलियन साल पहले फटा था? इस घटना को भूवैज्ञानिकों ने डेक्कन वोलकानिस्म या दक्कन ज्वालामुखी कहा है। और जानने के लिए हम अवसादी भूविज्ञानी डॉ सुव्रत खेर से बात करते हैं...
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
अरब महासागर के किनारे खड़ा है शक्तिशाली और शानदार कोलाबा क़िला। व्यापारियों और नौसेना के बेड़ों का केंद्र रहा यह बंदरगाह महान मराठा सरखेल कान्होजी आंग्रे का मुख्यालय हुआ करता था।
इतिहास गवाह है कि भारत की राजधानी दिल्ली हमेशा से सत्ता का केंद्र रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्ययुग में ही, दिल्ली आकर बसनेवाले महान सूफ़ी संतों की वजह से यह महत्वपूर्ण राजधानी बना|
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