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राजस्थान में भरतपुर के लोहागढ़ क़िले की अभेद्य दीवरें, राजा सूरजमल की जाट रियासत के उदय की कहानियां कह रही हैं, जिसने 18वीं सदी में, उत्तरी भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
सदियों से भारत की कलाओं के माध्यम से कहानियां कहने की परंपरा चली आ रही है। रामायण, महाभारत, पुराणों से लेकर लोक कथाओं और दंतकथाओं को इन सुन्दर कलाओं में अलग-अलग तरीकों से दर्शाया जाता है। आइये, हम आपको इन कलाओं और इनमें बसी कहानियों के बारे में बताते हैं...
क़ुतुब मीनार जो दिल्ली का सबसे मशहूर एतेहासिक धरोहर है उसे ग़ुलाम वंश के पहले सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने धार्मिक गुरु कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी रूप में के नाम पर रखा था।
भारत और हिंदी भाषा दोनों से उर्दू भाषा का गहरा रिश्ता है। चाहे उर्दू नफ़रत और राजनीतिक विवादों से घिरी रही है, पर इसमें हमारे देश की साझा सांस्कृतिक और सामाजी विरासत का ख़ज़ाना छिपा हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार परवेज़ अहमद के साथ जानिये उर्दू की कहानी...
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