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इनसे सम्बंधित कई किस्से कहानियां सबने सुने होंगे, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में मालवा पर शासन किया था। यह भी सच है कि भोपाल शहर का नाम राजा भोज के नाम पर पड़ा है
मध्यकालीन भारत में सबसे समृद्ध शहरों में गिना जाने वाला चंदेरी, भले आज चंदेरी साड़ियों के लिए मशहूर क्यों न हो, मगर बादल महल दरवाज़ा जैसी कई इमारतें इस शहर के बीते सुनहरे कल के साथ-साथ मालवा सल्तनत की शान को भी कायम रखती हैं।
देहरादून की पहचान से मशहूर घंटाघर, इस स्थान के लिए भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। ये एशिया का इकलौता ऐसा घंटाघर है, जिसका निर्माण षट्भुजीय आकार में हुआ है। जानिये इस ख़ास संरचना के बारे में
क्या आपको पता हे महाराष्ट्र में अहमदनगर के पास फ़राह बाग़ महल हे जो अभी जर्जर हालत में है, लेकिन एक समय ये भारत के सबसे ख़ूबसूरत महलों में से एक हुआ करता था?
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