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वडोदरा शहर को शानदार स्मारकों से सजाया गया है जो इसके शाही अतीत की याद दिलाते हैं। लेकिन लक्ष्मी विलास पैलेस के ठीक सामने एक ऐसा भव्य इमारत है जिसका इतिहास उतना प्रसिद्ध नहीं है।
कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
शिमला का क्राइस्ट चर्च न सिर्फ़ शहर का एक बेहद प्रसिद्ध आकर्षण है, बल्कि शिमला के ब्रिटिश इतिहास का भी एक क़ीमती हिस्सा है। इसे उत्तर भारत के सबसे पुराने गिरजा घरों में से एक होने का गर्व भी हासिल है।
हैदराबाद के गोलकोंडा क़िले के पास मौजूद हैं शानदार मक़बरे, जो निशानी हैं उस राजवंश की जिसने एक समय भारत के सबसे अमीर राज्यों पर शासन किया था। चलिए, आपको बताते हैं क़ुतुब शाही शासकों के इन मकबरों के बारे में
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