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कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
दिल्ली के चांदनी चौक की चकाचौंध से हर कोई वाक़िफ़ है, मगर इसका दूसरा पहलू भी है, जहाँआरा बेगम, जिन्होंने इस मशहूर गली की रूपरेखा तैयार की। जानिए, चांदनी चौक की रचना में उनके योगदान के बारे में
तीसरे तुगलक सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक द्वारा बनाया गया फ़िरोज़ शाह कोटला को दिल्ली की पांचवीं नगरी कहा जाता है, जिसने हर काल में अपनी वास्तुकला और भव्यता से गहरी छाप छोड़ी
वाराणसी शहर उतना ही पुराना है जितना पुराना समय है। गंगा नदी के किनारे पर बसा वाराणसी शहर सदियों पुरानी सभ्यताओं का गवाह रहा है। जानिये वाराणसी के प्रसिद्द घाटों की कहानी
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