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अश्तूर में अहमद शाह के मक़बरे पर हर साल हिंदू और मुसलमान दोनों उनको सिर्फ़ एक अच्छे शासक की तरह ही नहीं बल्कि एक संत की तरह भी याद करते हैं। जानिये क्या है अहमद शाह के उर्स के पीछे की कहानी
गुजरात की माता नी पछेड़ी कला सिर्फ अपनी उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि आस्था का एक प्रतीक होने के लिए भी जानी जाती है। सालों से लोग इसे चलते-फिरते पूजा स्थलों की तरह पूजते रहे हैं। जानिये इस कला की रोचक कहानी और कैसे आज ये पुनरुद्धार के रास्ते पर है..
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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