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67 सालों तक पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा सामराज्य का ही नहीं बलकी पूरे भारत के राजनीती का केंद्र था। पर आज उसके बस कुछ अवशेष ही बचे हैं। जानिए क्या है शनिवार वाड़ा की कहानी...
प्राचीन भारत में शिक्षा और ज्ञान के कई केंद्र थे, मगर आज के बिहार क्षेत्र में दो ऐसे महाविहार या विश्वविद्यालय के अवशेष मौजूद हैं जो एक समय पूरे विश्व में अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध थे । हम आपको बताने जा रहे हैं नालंदा और विक्रमशिला के इतहास के बारे में
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
हैदराबाद शहर के बीच स्थित चार मीनार पूरे इलाक़े की समृद्ध विरासत की गवाही देता है। चलिए हम आपको बताते हैं इसकी कहानी।
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