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भारत का एक बड़ा हिस्सा जो दक्कन के नाम से जाना जाता है यह नाम दरअसल प्राचीन मार्ग दक्षिणापथ की वजह से पड़ा है, जो मगध को प्रतिष्ठान से जोड़ता था जो आज का पैठण है। जानिए क्या है दक्षिणापथ की कहानी।
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
भारत की सबसे बड़ी खोजों में से एक को 100 साल हो गए हैं। लेकिन हम वास्तव में हड़प्पा सभ्यता के बारे में कितना जानते हैं? आइए कुछ प्रमुख हड़प्पा स्थलों की यात्रा करते हैं
कच्छ की समृद्ध कलाएं और शिल्प परंपराएं यहाँ की संस्कृतियों और समुदायों का मिलन है। जानिये कैसे सालों पहले यहाँ आ कर बसे अलग-अलग समुदायों ने कच्छ की कलाओं को उनकी पहचान दी...
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