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ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
क्या आप जानते हैं कि बंगाल के कालना में, जो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, आपको भारत के सबसे प्रसिद्ध बुनकरों में से एक - जामदानी के बुनकर भी मिलेंगे? जामदानी दो अद्भुत परंपराओं के मिलन का प्रतीक है - बढ़िया मलमल और भव्य कढ़ाई और डिजाइन जो फारस से आए थे। आइये जानते है की कैसे इस बुनाई को पुनर्जीवित किया जा रहा है और इसे कौनसी चुनौतियों का सामना करना पड रहा है।
भारत में ४३० से भी अधिक आदिवासी समुदाय हैं जिनकी अलग पहचान, संस्कृति और परम्पराएं हैं। हम आपको लें चलते हैं एक ऐसे संग्रहालय में जो आदिवासियों के जीवन को सहेजने में जुटा है
इतिहास गवाह है कि भारत की राजधानी दिल्ली हमेशा से सत्ता का केंद्र रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्ययुग में ही, दिल्ली आकर बसनेवाले महान सूफ़ी संतों की वजह से यह महत्वपूर्ण राजधानी बना|
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