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1857 में अमृतसर के पास अजनाला में 220 से अधिक सैनिकों के भीषण नरसंहार की सच्चाई का पता लगाने में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ को करीब 2 दशकों का समय लगा। यहां जो कुछ हुआ, जानिये उसकी चौंकाने वाली ये कहानी
अमृतसर शहर सिख धर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान तो रहा है ही, पर भारत के इतिहास, ख़ासकर आज़ादी की जंग में भी इसकी एक अपनी भूमिका थी। अमृतसर के इतिहासकार सुरिंदर कोछड़ ने हमें बताया इस शहर का इतिहास
देवी अहिल्याबाई होलकर विभिन्न प्रांतों में मानवता के प्रति कार्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनके साथ होलकर राजपरिवार के कई सदस्यों ने भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जानिए राजपरिवार की कहानी
अरब महासागर के किनारे खड़ा है शक्तिशाली और शानदार कोलाबा क़िला। व्यापारियों और नौसेना के बेड़ों का केंद्र रहा यह बंदरगाह महान मराठा सरखेल कान्होजी आंग्रे का मुख्यालय हुआ करता था।
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