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उस्मानाबाद ज़िले का नलदुर्ग क़िला देश के बेहतरीन क़िलों में से एक है जिसे सैन्य और इंजीनियरिंग मानकों के आधार पर ये दर्जा हासिल है।
मुंबई अपनी ऊँची इमारतों के साथ ही शहर में छिपे चंद अनमोल रत्नों के लिए जानी जाती है। ऐसी ही एक प्राचीन इतिहास की निशानी यहाँ के मंडपेश्वर की गुफाओं में देखी जा सकती है। देखिए ये एपिसोड
समुद्री किनारे पर बसा चौल शहर जो कभी समुद्री-यात्रियों की गतिविधियों की वजह से बहुत अहम बंदरगाह माना जाता था, आज खंडहर में तबदील हो चुका है। इस स्पेशल रिपोर्ट में जानिए चौल की कहानी।
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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