अगर आपको लिव हिस्ट्री इंडिया का काम पसंद आता है, तो अपने सहयोग से हमें प्रोत्साहित करें। कोई भी योगदान छोटा नहीं होता और इसमें आपका ज़्यादा समय भी नहीं लगेगा। आपके योगदान के लिए धन्यवाद।
पानीपत का तीसरा युद्ध जो सन १७६१ में मराठो और अफ़ग़ान शासक अहमद शाह अब्दाली की फौजो के बीच लड़ा गया आज भारत, पाक्सितान और अफ़ग़ानिस्तान मे काफी चर्चा का विषय बन गया है|
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
मेघालय में लगभग 1700 गुफाएं हैं, जो पृथ्वी के इतिहास के कई रहस्यों को समेटे हुए हैं। ये सभी गुफाएं भूवैज्ञानिकों के लिए बेहद ख़ास हैं। इन हजारों साल पुरानी गुफाओं के निर्माण और महत्व को समझने के लिए हमने प्रोफेसर देवेश सिन्हा से बात की।
एक राजकुमारी, एक रानी और मुग़ल बादशाह अकबर की सेना को जम कर टक्कर देने वाली- ये है कहानी बहादुर और निर्भय सुल्ताना चाँद बीबी की...
Join our mailing list to receive the latest news and updates from our team.