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लगभग 1000 साल पुरानी ओडिशा की पट्टचित्र कला, मुख्य रूप से पुरी के प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ से जुड़ी रही है। जानिए कैसे ओडिशा के चित्रकार इस कला की परंपरा को इतने सालों से आगे बढ़ा रहे हैं और कैसे इस कला को संजो के रखा जा सकता है...
आज ताज महल के बारे में पूरा विश्व जानता है और आगरा शहर की पहचान भी इसी से है। मगर ताज महल के परे भी आगरा की अपनी एक कहानी है। अपने समय में ये सबसे समृद्ध शहरों में से एक था और कहा जाता है कि कभी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का 1/5 हिस्सा आगरा से आता था। आज भी इसकी संस्कृति, भव्य इमारतें और विरासत देखने लायक है।
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
क्या आप जानते हैं कि मुंबई शहर, ज्वालामुखी के लावा पर बना है, जो लगभग 65 मिलियन साल पहले फटा था? इस घटना को भूवैज्ञानिकों ने डेक्कन वोलकानिस्म या दक्कन ज्वालामुखी कहा है। और जानने के लिए हम अवसादी भूविज्ञानी डॉ सुव्रत खेर से बात करते हैं...
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