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भारत के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध स्थलों में से एक है - साँची, जो हमारे देश के धर्मनिरपेक्षता की एक महत्वपूर्ण निशानी है। लेकिन यह 800 साल तक गायब क्यों रहा।
महरोली के भीड़ भरे इलाक़े के बीचों-बीच है ज़फ़र महल जिससे आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र की दर्द भरी कहानी जुड़ी है। इस पूरी कहानी को जानने के लिये देखिए किस्से कहानियाँ का ये एपिसोड।
उदयगिरि की पहाड़ियों की खुदाई से निकली गुफाओं में आपको प्राचीनतम कलाकृतियां मिलेंगी। यहां हिन्दू देवताओं के अस्तित्व के प्रारंभिक आस्था के सबूत दिखाई पड़ते हैं।
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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