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कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
गिरनार पर्वत के चरणों में मौजूद गुजरात का जूनागढ़ शहर पूरी तरह इतिहास में डूबा हुआ है। और उस इतिहास की बेहतरीन नुमाइंदगी करता है, शहर का सबसे पुराना हिस्सा यानी ऊपरकोट क़िला। आईए जानते हैं इसकी कहानी
१७वीं और १९वीं शताब्दी में चिनसुराह बंगाल में डच लोगों का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था । ये डच ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ों, अर्मेनिया के नागरिकों, बंगालियों का भी घर होता था।
सिख योद्धा बंदा सिंह बहादुर ने सिख इतिहास में किए थे महत्वपूर्ण योगदान और उनकी याद में बना है मेहरौली का ये गुरुद्वारा। जानिए इसकी कहानी
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