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भवानी मंडप कोल्हापुर के छत्रपतियों के जूना राजवाड़ा यानी पुराने महल का भव्य प्रवेश-द्वार हुआ करता था। भवानी मंडप और जूना राजवाड़ा, कोल्हापुर के, पिछले 250 वर्ष के इतिहास के गवाह रहे हैं।
१७वीं और १९वीं शताब्दी में चिनसुराह बंगाल में डच लोगों का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था । ये डच ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ों, अर्मेनिया के नागरिकों, बंगालियों का भी घर होता था।
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और बांग्लादेश की सीमा के पास, घने जंगलों में छुपी हुई है एक रहस्यमयी पहाड़ी जहां आपको बड़ी और अद्भुत मूर्तियां मिलेंगी। यह है उनाकोटी की कहानी।
मारवाड़ साम्राज्य की राजधानी जोधपुर,आज अपने भव्य क़िले और पैलेस की वजह से पहचानी जाती है। लेकिन बहुत कम लोगों को मामूल है कि जोधपुर शहर के के बाहर मंदोर शहर, मारवाड़ साम्राज्य की पहली राजधानी था।
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