उदयपुर की सुन्दर सहेलियों की बाड़ी

उदयपुर की सुन्दर सहेलियों की बाड़ी

हालांकि इसकी गिनती देश के महान बाग़ों में नहीं होती है लेकिन उदयपुर के बाहरी इलाक़े में मौजूद सहेलियों की बाडी(बाग़) की कहानी बेहद दिलचस्प है। सन 1710 में मेवाड़ के महाराणा संगराम सिंह ने यह बाग़ अपनी महारानी और उनके साथ दहेज़ में आईं 48 दासियों को तोहफ़े में देने के लिए बनवाया था। यह बाग़ महारानी और उनकी दासियों के लिए स्वर्ग की तरह था जहां वह शाही दरबार के वैभव और चकाचौंध से दूर अपनी मर्ज़ी और पसंद के हिसाब से वक़्त गुज़ार सकती थीं।

एक प्रकार का स्विमिंग पूल, जहां शाही युवतियां समय बिता सकती थी   | लिव हिस्ट्री इंडिया

फ़तेहसागर झील से लगभग एक किलोमीटर दूर इस बाड़ी(बाग़)में दो हज़ार शानदार फ़व्वारे हैं जो आज भी चल रहे हैं और झील से उन्हें पानी भी मिल रहा है।

बगीचा अलग-अलग थीम वाले हिस्सों में विभाजति है  | लिव हिस्ट्री इंडिया

बाड़ी की विभिन्न हिस्सों में पांच फ़व्वारे बने हैं। उन सबके विषय अलग अलग हैं जैसे रासलीला, जिसका नाम भगवान श्रीकृष्ण के मशहूर प्रेम-नृत्य पर रखा गया है। यह प्रेम-नृत्य विरंदावन के हरेभरे मैदानों पर किया जाता था यहां भी एक बड़ा मैदान है जिस पर दासियां होली खेल सकती थीं।

बिन-बादल बरसत फव्वारे (बाएं); बाड़ी के प्रवेश द्वार पर फव्वारों की पंक्ति (दाएं) | लिव हिस्ट्री इंडिया

बिन-बादल बरसात, यह फ़व्वारा इस तरह बनाया गया था जिसमें हमेशा टपर टपर की आवाज़ सुनाई देती थी जैसे बारिश हो रही हो। आज भी वह आवाज़ इतनी असली लगती है कि वहां आनेवाले आश्चर्यचकित रह जाते हैं। वह बारिश की उम्मीद में आकाश की ओर देखने लगते हैं।

भव्य कमल कुंड जिसके चारों ओर युवतियों द्वारा नृत्य और संगीत प्रदर्शन का विस्तृत मंचन किया जाता था। यह प्रत्येक वर्ष फरवरी में पूर्ण रूप से खिलता है। | लिव हिस्ट्री इंडिया

सहेलियों की बाड़ी एक छोटा-सा दिलकश स्वर्ग है, जिसमें आपके ध्यान को क़ैद करने की ताक़त है। जब भी उदयपुर से गुज़रें, थोड़ा वक़्त इसके लिए ज़रूर निकालें। पहले इस बाग़ की देखभाल मेवाड़ का शाही परवार किया करता था। आज इस बाग़ की देख-रेख राज्य सरकार करती है।

हम आपसे सुनने को उत्सुक हैं!

लिव हिस्ट्री इंडिया इस देश की अनमोल धरोहर की यादों को ताज़ा करने का एक प्रयत्न हैं। हम आपके विचारों और सुझावों का स्वागत करते हैं। हमारे साथ किसी भी तरह से जुड़े रहने के लिए यहाँ संपर्क कीजिये: contactus@livehistoryindia.com

आप यह भी पढ़ सकते हैं
Ad Banner
close

Subscribe to our
Free Newsletter!

Join our mailing list to receive the latest news and updates from our team.

Loading