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ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
1857 में अमृतसर के पास अजनाला में 220 से अधिक सैनिकों के भीषण नरसंहार की सच्चाई का पता लगाने में इतिहासकार सुरेंद्र कोछड़ को करीब 2 दशकों का समय लगा। यहां जो कुछ हुआ, जानिये उसकी चौंकाने वाली ये कहानी
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ में एक भयानक घटना हुई थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को इस कांड ने एक नया मोड़ दिया था। मगर इसके इतिहास से जुड़ी आज भी ऐसी कई बातें हैं जो हम नहीं जानते..
बौद्ध, जैन, ब्राह्मणवादी और मराठा काल के अवशेष देखने को मिलते है। क्या है इन प्राचीन गुफाओं के पीछे की कहानी, जानिये किस्से-कहानियाँ के इस एपिसोड में।
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