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वह इतने प्रसिद्ध सूफी संत थे कि एक पूरा गेट -टर्कमैन गेट, शाहजहाँ की राजधानी शाहजहानाबाद में उनके नाम पर रखा गया था
क्या आप जानते हैं, कि मुंबई में एक समय लगभग 10 क़िले हुआ करते थे? इनमें से एक है सायन क़िला या शींव किला। माना जाता है कि सायन क़िले का निर्माण 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ों ने करवाया था। और अपने स्थान के कारण, यह एक महत्वपूर्ण क़िला था।
यह मस्जिद अहमदाबाद की सबसे बड़ी या सबसे पुरानी मस्जिद नहीं है, लेकिन सीदी सैय्यद नी मस्जिद शहर का एक प्रसिद्ध प्रतीक है। मगर क्यों? जानिये हमारे साथ..
कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
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