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पुणे के पास स्थित अद्भुत सिंहगढ़ क़िला अपने मराठा इतिहास के लिए जाना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इसी क़िले में छत्रपति शिवाजी महाराज के दूसरे बेटे, छत्रपति राजाराम की समाधि भी मौजूद है?
झाँसी शहर के जोखन बाग़ का सम्बन्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक, सन 1857 के स्वंत्रता संग्राम से है। यहाँ सन 1857 में कई अंग्रेज़ों का नरसंहार हुआ था। आज ये उस घटना की एक यादगार है।
१७वीं और १९वीं शताब्दी में चिनसुराह बंगाल में डच लोगों का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था । ये डच ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ों, अर्मेनिया के नागरिकों, बंगालियों का भी घर होता था।
हैदराबाद के गोलकोंडा क़िले के पास मौजूद हैं शानदार मक़बरे, जो निशानी हैं उस राजवंश की जिसने एक समय भारत के सबसे अमीर राज्यों पर शासन किया था। चलिए, आपको बताते हैं क़ुतुब शाही शासकों के इन मकबरों के बारे में
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