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क्या आप जानते हैं, कि मध्यकालीन इतिहास के अंशों से भरपूर दक्षिणी दिल्ली में मौर्य साम्राज्य की भी एक विशेष छाप आज मौजूद है? जानते हैं, यहाँ मौजूद सम्राटअशोक के अभिलेखों के बारे में
अपने कोचिंग इंस्टिट्यूट के लिए मशहूर कोटा का एक ऐतिहासिक पहलू है, जिसकी झलक हमें कोटा गढ़ में भी दिखाई पड़ती है। ये क़िला अपने चित्रों और बेशकीमती मूर्तियों के लिए मशहूर है I ले चलते हैं आपको इसकी यात्रा पर
4000 साल से भी पुराना कच्छ का इतिहास विविध और रचनात्मक संस्कृति से भरा है। मांडवी के मशहूर विजय विलास महल में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के कारीगरों की मिश्रित कला की झलक दिखाई देती है...
हुगली नदी के तट पर स्थित दक्षिणेश्वर मंदिर देश की ऐतिहासिक धरोहर लिए है। इसे सन 1854 में जान बाजार की रानी रासमणि ने बनवाया था। जानिए क्या है यहाँ का इतिहास...
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