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नालासोपारा 2000 साल पहले पश्चिमी भारत के सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक था। यहाँ के चक्रेश्वर महादेव मंदिर के बाहर, भगवान ब्रह्मा की 6 फ़ुट ऊंची आश्चर्य-जनक प्रतिमा, खड़ी हुई मुद्रा में मौजूद है
बुंदेलखंड के ऐतिहासिक क्षेत्र, में, दतिया के पास है खूबसूरत मंदिरों का एक समूह, जिसे सोनागिर या ‘सोने का पहाड़’ के मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये एक मशहूर जैन तीर्थ स्थल है
दिल्ली के चांदनी चौक की चकाचौंध से हर कोई वाक़िफ़ है, मगर इसका दूसरा पहलू भी है, जहाँआरा बेगम, जिन्होंने इस मशहूर गली की रूपरेखा तैयार की। जानिए, चांदनी चौक की रचना में उनके योगदान के बारे में
14वीं शताब्दी में मदरसा-ए-फ़िरोज़ शाही एक महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र के रूप में उभरा और इसी कारण दिल्ली को इस्लामी शिक्षा का गढ़ माना जाने लगा था। फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ ने इसका निर्माण करवाया था
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