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बुंदेलखंड क्षेत्र में मौजूद तालबेहट क़िला बुन्देली वास्तुकला, कई मान्यताओं और राजा मर्दन सिंह के शौर्य का अद्भुत मिलन है, जो आज इसके खंडहरों में दफ़न है। ले चलते हैं आपको इस क़िले के दिलचस्प सफ़र पर
अरावली की ऊँची पर्वतमालाओं पर स्थित इस प्राचीन क़िले का इतिहास अजमेर के चौहान शासकों से जुड़ा है। जानिए कैसे अजमेर को राजधानी की उपाधि हासिल हुई ?
कोच्चि का मट्टानचेरी पैलेस, जिसे डच पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, पुर्तगालियों ने बनवाया, उसके बाद डच ने इस पर फ़िर से काम कर के इसे और भव्य बनाया। ये कोच्चि रियासत का शाही निवास स्थान भी रहा।
झाँसी शहर के जोखन बाग़ का सम्बन्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक, सन 1857 के स्वंत्रता संग्राम से है। यहाँ सन 1857 में कई अंग्रेज़ों का नरसंहार हुआ था। आज ये उस घटना की एक यादगार है।
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