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कोच्चि का मट्टानचेरी पैलेस, जिसे डच पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, पुर्तगालियों ने बनवाया, उसके बाद डच ने इस पर फ़िर से काम कर के इसे और भव्य बनाया। ये कोच्चि रियासत का शाही निवास स्थान भी रहा।
१७वीं और १९वीं शताब्दी में चिनसुराह बंगाल में डच लोगों का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था । ये डच ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ों, अर्मेनिया के नागरिकों, बंगालियों का भी घर होता था।
दिल्ली के चांदनी चौक के एक कोने में मौजूद है सुनहरी मस्जिद जिसका ताल्लुक भारतीय इतिहास के एक दर्दनाक किस्से से रहा है। यहीं से ईरानी हमलावर नादिर शाह ने सन 1739 में दिल्ली के नरसंहार को अंजाम दिया
झाँसी शहर के जोखन बाग़ का सम्बन्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक, सन 1857 के स्वंत्रता संग्राम से है। यहाँ सन 1857 में कई अंग्रेज़ों का नरसंहार हुआ था। आज ये उस घटना की एक यादगार है।
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