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देहरादून की पहचान से मशहूर घंटाघर, इस स्थान के लिए भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। ये एशिया का इकलौता ऐसा घंटाघर है, जिसका निर्माण षट्भुजीय आकार में हुआ है। जानिये इस ख़ास संरचना के बारे में
मध्य प्रदेश का एरण गाँव अपने समय में एक समृद्ध गाँव हुआ करता था। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है वराह की मूर्ति, जो भगवान् विष्णु के वराह अवतार का प्रतिनिधित्व करती है पर इसकी ख़ास बात है इस पर लिखे शिलालेख। जानिये इसके बारे में इस वीडियो में
बुंदेलखंड क्षेत्र में मौजूद तालबेहट क़िला बुन्देली वास्तुकला, कई मान्यताओं और राजा मर्दन सिंह के शौर्य का अद्भुत मिलन है, जो आज इसके खंडहरों में दफ़न है। ले चलते हैं आपको इस क़िले के दिलचस्प सफ़र पर
इनसे सम्बंधित कई किस्से कहानियां सबने सुने होंगे, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में मालवा पर शासन किया था। यह भी सच है कि भोपाल शहर का नाम राजा भोज के नाम पर पड़ा है
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