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क्या आपको पता है कि मुंबई से क़रीब 165 कि.मी. दूर भारत का सबसे पुराना टोल बूथ हुआ करता था? ये टोलबूथ, नानेघाट है जो पहली ई.पू. शताब्दी में सातवाहन वंश के समय का है।
मारवाड़ साम्राज्य की राजधानी जोधपुर,आज अपने भव्य क़िले और पैलेस की वजह से पहचानी जाती है। लेकिन बहुत कम लोगों को मामूल है कि जोधपुर शहर के के बाहर मंदोर शहर, मारवाड़ साम्राज्य की पहली राजधानी था।
बुंदेलखंड क्षेत्र में मौजूद तालबेहट क़िला बुन्देली वास्तुकला, कई मान्यताओं और राजा मर्दन सिंह के शौर्य का अद्भुत मिलन है, जो आज इसके खंडहरों में दफ़न है। ले चलते हैं आपको इस क़िले के दिलचस्प सफ़र पर
झाँसी शहर के जोखन बाग़ का सम्बन्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक, सन 1857 के स्वंत्रता संग्राम से है। यहाँ सन 1857 में कई अंग्रेज़ों का नरसंहार हुआ था। आज ये उस घटना की एक यादगार है।
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