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दो हज़ार साल पुरानी नगरी उज्जैन, प्राचीनकाल में मुख्य व्यावसायिक मार्ग पर स्थित था। एक ऐसा शहर जिसका बिता कल एक सुनेहरा इतिहास लिए है। जानें कैसे ये शहर हर काल में विभिन्न राजाओं के लिए ज़रूरी रहा
बिदर का मेहमूद गवान मदरसा ख़ास है क्योंकि एक प्रसिद्द शिक्षा और ज्ञान का केंद्र होने के साथ साथ ये यहाँ के बहमनी सल्तनत के महत्वपूर्ण वज़ीर, मेहमूद गवान की धरोहर भी है।
चंदेरी के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है कोशक महल, जो एक सुल्तान की जीत की याद दिलाता है। इसका निर्माण मालवा के सुलतान महमूद खिलजी ने सन 1445 में करवाया था।
देहरादून में खलंगा युद्ध स्मारक गुरखाओं की बहादुरी का प्रतीक है, और ये दुनिया में ऐसा इकलौता स्मारक माना जाता है, जिसका निर्माण उनके शत्रुओं (अंग्रेजों) ने किया था। मगर इसके नाम का एक और स्मारक भी उन्होंने अपने लिए बनाया। जानिये इसकी कहानी
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