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१७वीं और १९वीं शताब्दी में चिनसुराह बंगाल में डच लोगों का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था । ये डच ही नहीं बल्कि अंग्रेज़ों, अर्मेनिया के नागरिकों, बंगालियों का भी घर होता था।
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर कालपी में स्थित चौरासी गुम्बद इस क्षेत्र के मध्यकालीन इतिहास का एक गवाह है। माना जाता है कि इसका निर्माण 15वीं या 16वीं शताब्दी में हुआ था। जानिये इसकी रोचक कहानी
देहरादून की पहचान से मशहूर घंटाघर, इस स्थान के लिए भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। ये एशिया का इकलौता ऐसा घंटाघर है, जिसका निर्माण षट्भुजीय आकार में हुआ है। जानिये इस ख़ास संरचना के बारे में
क्या आपको पता हे महाराष्ट्र में अहमदनगर के पास फ़राह बाग़ महल हे जो अभी जर्जर हालत में है, लेकिन एक समय ये भारत के सबसे ख़ूबसूरत महलों में से एक हुआ करता था?
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