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ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
अरब महासागर के किनारे खड़ा है शक्तिशाली और शानदार कोलाबा क़िला। व्यापारियों और नौसेना के बेड़ों का केंद्र रहा यह बंदरगाह महान मराठा सरखेल कान्होजी आंग्रे का मुख्यालय हुआ करता था।
महाराणा उदय सिंह ने 1553 में उदयपुर शहर की स्थापना मेवाड़ की नयी राजधानी के रूप में की थी और तभी से ये शहर मेवाड़ की शान और धरोहर का एक प्रतीक है। आइये जानते हैं उदयपुर के इतिहास की कहानी...
एक राजकुमारी, एक रानी और मुग़ल बादशाह अकबर की सेना को जम कर टक्कर देने वाली- ये है कहानी बहादुर और निर्भय सुल्ताना चाँद बीबी की...
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