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रेख़्ता की सफलता से उर्दू साहित्य और शायरी में एक नई क्रांति आई है। इस डिजिटल प्लेटफार्म ने उर्दू को दुनिया भर में एक नए अंदाज़ में परोसा है साथ ही युवा शायरों के कलाम पब्लिश किए।जुड़िए इस सफर पर
विंध्याचल पर्वतमाला, जिन्हें उत्तरी और दक्षिणी भारत के बीच पारंपरिक भौगोलिक सीमा माना जाता है, के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए हम भूविज्ञानी संतोष कुमार पांडे से बात करते हैं...
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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