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राजस्थान में भरतपुर के लोहागढ़ क़िले की अभेद्य दीवरें, राजा सूरजमल की जाट रियासत के उदय की कहानियां कह रही हैं, जिसने 18वीं सदी में, उत्तरी भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
भारत में कई तरह के खनिज या मिनरल्स पाए जाते हैं जो भूवैज्ञानिकों को पृथ्वी के इतिहास में जलवायु, जीवन और इसकी सतह पर होने वाली प्रमुख घटनाओं को समझने में मदद करते हैं। डॉ पुष्पेंद्र राणावत हमें भारत की लाखों साल पुरानी खनिज संपदा के बारे में बताते हैं
ऊँची इमारतों के लिए प्रसिद्द मुंबई के इतिहास के कई ऐसे पन्ने हैं जिनसे हम आज भी वाक़िफ़ नहीं है। उनमें से एक है १७ वीं सदी में हुआ मुंबई पे सिद्दियों का हमला, जिसका गवाह रहा शिवड़ी का क़िला
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
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