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ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
दो अलग-अलग देशों के दो अलग-अलग शहर जिनकी कहानी है एक समान। दिल्ली और लाहौर का रिश्ता सदियों पुराना है। इस एपिसोड में जानिये दिल्ली और लाहौर की कहानी।
उस्मानाबाद ज़िले का नलदुर्ग क़िला देश के बेहतरीन क़िलों में से एक है जिसे सैन्य और इंजीनियरिंग मानकों के आधार पर ये दर्जा हासिल है।
क्या आप जानते हैं, कि लाखों साल पहले भारत, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया से जुड़ा हुआ था? या ये कि आप वास्तव में कर्नाटक में पृथ्वी का एक हिस्सा यानि भूपर्पटी को छू सकते हैं? इतना ही नहीं, मेघालय में हड़प्पा सभ्यता का सफाया करने वाले सूखे के सबूत आज भी देखे जा सकते हैं। जानिये भारत में मौजूद भारतीय उपमहाद्वीप के बनने के चिन्हकों के बारे में
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