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67 सालों तक पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा सामराज्य का ही नहीं बलकी पूरे भारत के राजनीती का केंद्र था। पर आज उसके बस कुछ अवशेष ही बचे हैं। जानिए क्या है शनिवार वाड़ा की कहानी...
कच्छ की समृद्ध कलाएं और शिल्प परंपराएं यहाँ की संस्कृतियों और समुदायों का मिलन है। जानिये कैसे सालों पहले यहाँ आ कर बसे अलग-अलग समुदायों ने कच्छ की कलाओं को उनकी पहचान दी...
आपने बंगाल के कपास से बनी ढाका की मलमल के बारे में तो सुना होगा, जो इतनी महीन होती थी कि एक अंगूठी से गुज़र सकती थी। बंगाल के कपास की कहानी और आज उसकी दशा जानने के लिए हम पहुंचे कालना
समुद्री किनारे पर बसा चौल शहर जो कभी समुद्री-यात्रियों की गतिविधियों की वजह से बहुत अहम बंदरगाह माना जाता था, आज खंडहर में तबदील हो चुका है। इस स्पेशल रिपोर्ट में जानिए चौल की कहानी।
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