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वाराणसी शहर उतना ही पुराना है जितना पुराना समय है। गंगा नदी के किनारे पर बसा वाराणसी शहर सदियों पुरानी सभ्यताओं का गवाह रहा है। जानिये वाराणसी के प्रसिद्द घाटों की कहानी
कोल्हापुर शहर के मध्य में 1400 साल पुराना महालक्ष्मी मंदिर है, जिसे अंबाबाई मंदिर भी कहा जाता है। ये शक्ति के रुप में देवी को समर्पित 108 शक्ति पीठों और मंदिरों में से एक है।
चंदेरी के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है कोशक महल, जो एक सुल्तान की जीत की याद दिलाता है। इसका निर्माण मालवा के सुलतान महमूद खिलजी ने सन 1445 में करवाया था।
कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
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