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उदयगिरि की पहाड़ियों की खुदाई से निकली गुफाओं में आपको प्राचीनतम कलाकृतियां मिलेंगी। यहां हिन्दू देवताओं के अस्तित्व के प्रारंभिक आस्था के सबूत दिखाई पड़ते हैं।
क़ुतुब मीनार जो दिल्ली का सबसे मशहूर एतेहासिक धरोहर है उसे ग़ुलाम वंश के पहले सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने धार्मिक गुरु कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी रूप में के नाम पर रखा था।
ख़ुदा बख़्श पब्लिक ओरिएंटल लाइब्रेरी भारत की सांस्कृतिक विरासत के सबसे बेशक़ीमती ख़ज़ानों में से एक है। पटना शहर में स्थित इस लाइब्रेरी में 21 हज़ार से ज़्यादा बेशक़ीमती पांडुलिपियां और ढ़ाई लाख किताबें हैं। यहां ऱखी हुई किताबें, ख़ान बहादुर ख़ुदा बख़्श का निजी ख़ज़ाना था जो पटना में एक वकील थे। सन 1969 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित कर दिया। लाइब्रेरी की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने संस्थान और इसके संग्रह के बारे में अपना नज़रिया हमारे सामने रखा...
67 सालों तक पुणे का शनिवार वाड़ा मराठा सामराज्य का ही नहीं बलकी पूरे भारत के राजनीती का केंद्र था। पर आज उसके बस कुछ अवशेष ही बचे हैं। जानिए क्या है शनिवार वाड़ा की कहानी...
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