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वडोदरा शहर को शानदार स्मारकों से सजाया गया है जो इसके शाही अतीत की याद दिलाते हैं। लेकिन लक्ष्मी विलास पैलेस के ठीक सामने एक ऐसा भव्य इमारत है जिसका इतिहास उतना प्रसिद्ध नहीं है।
इलाहबाद या प्रयागराज शहर का मिंटो पार्क भारत के इतिहास और इस शहर के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण अध्याय का गवाह रहा है। यहीं से सन 1858 में लॉर्ड चार्ल्स कैनिंग ने क्वीन विक्टोरिया का फ़रमान पढ़ा था
कर्नाटक के बिदर में एक सुन्दर ईमारत है जो ईरान के एक सूफी संत, हज़रत-ख़लील-उल्लाह का मज़ार है। मगर दक्षिण भारत के इस हिस्से में मौजूद ये मज़ार क्यों ख़ास है? जानिये चौखंडी की कहानी जो आज भी बीते समय में बिदर के साथ सूफ़ियों के सम्बन्ध और बहमनी सुल्तानों की धरोहर की एक महत्वपूर्ण निशानी है।
अरवली पर्वत श्रृंखला से घिरा अजमेर, आज के राजस्थान के बहुत पुराने शहरों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अजमेर को इसका नाम कैसे मिला? जानिए क्या है अजमेर की कहानी
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