अगर आपको लिव हिस्ट्री इंडिया का काम पसंद आता है, तो अपने सहयोग से हमें प्रोत्साहित करें। कोई भी योगदान छोटा नहीं होता और इसमें आपका ज़्यादा समय भी नहीं लगेगा। आपके योगदान के लिए धन्यवाद।
बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण रियासतों में से एक, दतिया शहर का इतिहास प्राचीन काल तक जाता है। लेकिन दतिया रियासत की कहानी शुरू होती है 17वीं शताब्दी से, जब मुग़ल बादशाह जहांगीर और बुंदेला शासक वीर सिंह जूदेव की दोस्ती गहरी हुई। जानिए क्या है दतिया रियासत की कहानी
विजयनगरम राज्य भारत में मद्रास प्रेसीडेंसी की एक जमींदारी थी। उनका नाम इसके संस्थापक राजा विजयराम रज़ से लिया गया है, जिन्होंने जेपोर साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त करके एक संप्रभु राज्य की स्थापना की थी। जानिए क्या है विजयानगरम रियासत की कहानी
पटना राज्य या बलांगीर रियासत की नींव 14वीं शताब्दी में चौहान वंश के रमई देव द्वारा रखी गई थी, जो ब्रिटिश राज के दौरान भारत की पूर्वी राज्य एजेंसी का हिस्सा था। चौहान सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक थे जिन्होंने पश्चिमी ओडिशा में अठारह गढ़ों पर शासन किया। जानिए क्या है बलांगीर रियासत की कहानी...
1947 में भारत के 300 रियासतों में से 200 रियासतें गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित थी, जिसके बीचों बीच थी गोंडल रियासत। गोंडल के महाराजा भागवत सिंह का अपने राज्य के प्रगति में बड़ा योगदान रहा है।
Join our mailing list to receive the latest news and updates from our team.