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झाँसी शहर के जोखन बाग़ का सम्बन्ध भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक, सन 1857 के स्वंत्रता संग्राम से है। यहाँ सन 1857 में कई अंग्रेज़ों का नरसंहार हुआ था। आज ये उस घटना की एक यादगार है।
वडोदरा शहर को शानदार स्मारकों से सजाया गया है जो इसके शाही अतीत की याद दिलाते हैं। लेकिन लक्ष्मी विलास पैलेस के ठीक सामने एक ऐसा भव्य इमारत है जिसका इतिहास उतना प्रसिद्ध नहीं है।
मध्य प्रदेश में ग्वालियर का क़िला एक लोकप्रिय स्थान है। लेकिन इसी क़िले के परिसर में वास्तुकला का एक अजूबा भी है। ये हैं चट्टानों को तराश कर बनाईं गईं जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां हैं जिन्हें गोपाचल पर्वत जैन स्मारक कहा जाता है। इनका शुमार चट्टानों को तराशकर बनाईं गईं अनोखी मूर्तियों में किया जाता है।
राजस्थान के शेखावाटी इलाके की ये शानदार हवेली ...कभी रौनक देखने लायक थी लेकिन अब वीरान पड़ी हैं। दशकों पहले इस हवेली के वारिस परदेस क्या गए, लौट के नहीं आए। जानिए क्या है इन हवेलियों की कहानी।
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