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1947 में भारत के 300 रियासतों में से 200 रियासतें गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित थी, जिसके बीचों बीच थी गोंडल रियासत। गोंडल के महाराजा भागवत सिंह का अपने राज्य के प्रगति में बड़ा योगदान रहा है।
1947 तक भारत में कई ऐसी छोटी-छोटी रियासतें थीं, जिन्हें अंग्रेज़ों ने खत्म कर दिया था। ऐसी ही एक रियासत थी जैन्तिया की जिसका कुछ हिस्सा आज के बांग्लादेश के सिल्हेट ज़िले में है।
अलवर शहर का, सत्ता के केंद्र दिल्ली से नज़दीक होने के कारण, एक विशिष्ट इतिहास रहा है। यहां के क़िले और महल इसी राजसी वैभव की निशानियां हैं। जानिए क्या है अलवर रियासत की कहानी।
गुजरात का कच्छ अपनी कला और संस्कृति के लिए देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। इस भूमि का इतिहास 4000 साल से भी पुराना है जिसने कच्छ को अपनी एक अलग पहचान दी है।
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